एक एक पल यु बीत रहा है
मनो रेत ये भीग रहा है।
जबसे दूर हुई तू मुझसे, मेरा सब कुछ छूट रहा है।
इतनी सी मेरी गलती, उतनी सी तेरी पलटी
इतना सा वो मेरा पहरा, उतना सा वो तेरा चेहरा,
में तो विरह में जल ही रहा हूँ, तेरा दिल क्यों रूठ रहा है,
अब देखू क्या हो सकता है, क्यों सोचु क्या खो सकता है,
मुझको तो जीना है ऐसे, खुश् हु तू जो बीत रहा है।
खुद को काफिर करके देखा
तुझसे मुखबिर होके देखा, तेरा दिल रख लेंने को खुद से बहार होके देखा।
तू ही बोल क्यों चीख रहा है,
लहू मेरा अब भीग रहा है।
प्रखर कमी थी तेरे प्यार में
इतनी नमी जो देख रहा है
अभी ये दिल टीस रहा है, कमी तेरे से चीख रहा है
इतना दर्द में बाटू किस्से, आंसू देख ये भीग रहा है,
वक़्त नहीं ये बीत रहा है, प्रखर तेरी ये कैसी व्यथा है।
@silence must be heard
मनो रेत ये भीग रहा है।
जबसे दूर हुई तू मुझसे, मेरा सब कुछ छूट रहा है।
इतनी सी मेरी गलती, उतनी सी तेरी पलटी
इतना सा वो मेरा पहरा, उतना सा वो तेरा चेहरा,
में तो विरह में जल ही रहा हूँ, तेरा दिल क्यों रूठ रहा है,
अब देखू क्या हो सकता है, क्यों सोचु क्या खो सकता है,
मुझको तो जीना है ऐसे, खुश् हु तू जो बीत रहा है।
खुद को काफिर करके देखा
तुझसे मुखबिर होके देखा, तेरा दिल रख लेंने को खुद से बहार होके देखा।
तू ही बोल क्यों चीख रहा है,
लहू मेरा अब भीग रहा है।
प्रखर कमी थी तेरे प्यार में
इतनी नमी जो देख रहा है
अभी ये दिल टीस रहा है, कमी तेरे से चीख रहा है
इतना दर्द में बाटू किस्से, आंसू देख ये भीग रहा है,
वक़्त नहीं ये बीत रहा है, प्रखर तेरी ये कैसी व्यथा है।
@silence must be heard
God bless you prakhar...b happy u dun look good dis ways.
ReplyDeleteNice Lines, Prakhar bhai...
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