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Sunday, May 1, 2022

हाँ ऐसा होता है अक्सर

आंखे बंद मत करना जब सुनेगी मुझे 

वर्ण शयद रो नहीं पायेगी मेरे लिए 

हाँ ऐसा होता है अक्सर , जब मूंद  लेते है आंखे 

तो सब धुंदला हो जाता है, और दर्द भी कुछ धूमिल हो जाता है 


ना होना तू जुदा  मेरे अहसास से , कर लेना तू बजू  मेरी हर बात से 


सांसे मत धीमे कर लेना जब महकेगी मेरी खुशबू 

वरना  शयद सुन न सकेगी मेरे हर ज़ख़्म 


हाँ ऐसा होता है अक्सर , जब मूंद  लेते है आंखे 

तो सब धुंदला हो जाता है, और दर्द भी कुछ धूमिल हो जाता है 


रास्तो से कंही मुड़ न जाना जब नज़दीक़ हो मेरी रहगुजर 

वरना शयद ावाद नहीं होगा मेरा वज़ूद 


ज़ख्म हों के गर अखर  , या के पीर हो प्रखर 

हाँ ऐसा होता है अक्सर , जब मूंद  लेते है आंखे 

तो सब धुंदला हो जाता है, और दर्द भी कुछ धूमिल हो जाता है 


@प्रखर @silenecemustbeheard 


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